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यूपी में हिरासत में कथित मौत की जांच के आदेश

सहारनपुर (उत्तर प्रदेश)। सहारनपुर में पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) ने एक 40 वर्षीय किसान की हिरासत में कथित मौत की जांच के आदेश दिए हैं। व्यक्ति के चचेरे भाई के अनुरोध के बाद, डीआईजी ने मुजफ्फरनगर पुलिस को जांच का नेतृत्व करने के लिए कहा है।
पूर्व मंत्री सैयद ईसा रजा ने कहा कि जांच सहारनपुर पुलिस को नहीं सौंपी जानी चाहिए।
यह कथित घटना 5 सितंबर को हुई थी जब पुलिस ने कथित गोहत्या की सूचना के बाद ठितकी गांव में छापा मारा था।
छापेमारी के बाद, पुलिस ने रजा को सूचित किया था कि उसके चचेरे भाई मोहम्मद जीशान ने भागने की कोशिश की और गलती से खुद अपने पैर में गोली मार ली थी।
देवबंद थाने के थाना प्रभारी योगेश शर्मा ने बताया कि जीशान देसी पिस्टल लेकर जा रहा था।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, "उन्होंने खुद के पैर में गोली मार ली और अस्पताल पहुंचने के बाद उनकी मौत हो गई।"
रजा ने हालांकि कहा कि उनके भाई के पास दो लाइसेंसी बंदूकें हैं और उन्हें देसी पिस्तौल की जरूरत नहीं है।
रजा ने कहा, "छापे के बाद दो पुलिस कर्मी मेरे घर आए और मुझे बताया कि मेरा चचेरा भाई गोहत्या में शामिल था और उसने भागने की कोशिश करते हुए खुद को पैर में गोली मार ली।"
जीशान की पत्नी अफरोज ने आरोप लगाया कि उन्हें पीट-पीटकर मार डाला गया। एक पुलिस शिकायत में, उसने कहा कि तीन उप-निरीक्षकों सहित तीन पुलिस कर्मियों ने जीशान को घर से उठाकर पीट-पीट कर मार डाला था।
उन्होंने कहा, "छापे के दिन उसने मुझसे कहा था कि उसे पूछताछ के लिए ले जाया जा रहा है। वह कभी नहीं लौटा।"
उन्होंने आगे कहा, "हम 40 बीघा जमीन पर खेती करते हैं। उनका अवैध गतिविधियों या गोहत्या में कोई संलिप्तता नहीं थी।"
मुजफ्फरनगर के पुलिस अधीक्षक (नगर) अर्पित विजयवर्गीय ने कहा कि उन्होंने डीआईजी के आदेश पर मामले की जांच शुरू कर दी (आईएएनएस)
पूर्व मंत्री सैयद ईसा रजा ने कहा कि जांच सहारनपुर पुलिस को नहीं सौंपी जानी चाहिए।
यह कथित घटना 5 सितंबर को हुई थी जब पुलिस ने कथित गोहत्या की सूचना के बाद ठितकी गांव में छापा मारा था।
छापेमारी के बाद, पुलिस ने रजा को सूचित किया था कि उसके चचेरे भाई मोहम्मद जीशान ने भागने की कोशिश की और गलती से खुद अपने पैर में गोली मार ली थी।
देवबंद थाने के थाना प्रभारी योगेश शर्मा ने बताया कि जीशान देसी पिस्टल लेकर जा रहा था।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, "उन्होंने खुद के पैर में गोली मार ली और अस्पताल पहुंचने के बाद उनकी मौत हो गई।"
रजा ने हालांकि कहा कि उनके भाई के पास दो लाइसेंसी बंदूकें हैं और उन्हें देसी पिस्तौल की जरूरत नहीं है।
रजा ने कहा, "छापे के बाद दो पुलिस कर्मी मेरे घर आए और मुझे बताया कि मेरा चचेरा भाई गोहत्या में शामिल था और उसने भागने की कोशिश करते हुए खुद को पैर में गोली मार ली।"
जीशान की पत्नी अफरोज ने आरोप लगाया कि उन्हें पीट-पीटकर मार डाला गया। एक पुलिस शिकायत में, उसने कहा कि तीन उप-निरीक्षकों सहित तीन पुलिस कर्मियों ने जीशान को घर से उठाकर पीट-पीट कर मार डाला था।
उन्होंने कहा, "छापे के दिन उसने मुझसे कहा था कि उसे पूछताछ के लिए ले जाया जा रहा है। वह कभी नहीं लौटा।"
उन्होंने आगे कहा, "हम 40 बीघा जमीन पर खेती करते हैं। उनका अवैध गतिविधियों या गोहत्या में कोई संलिप्तता नहीं थी।"
मुजफ्फरनगर के पुलिस अधीक्षक (नगर) अर्पित विजयवर्गीय ने कहा कि उन्होंने डीआईजी के आदेश पर मामले की जांच शुरू कर दी (आईएएनएस)
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