Advertisement
गर्मी और अंधेरे में रहना इस गांव के लिए है आम

भावानगर/किन्नौर। जिले की भावावैली में बिजली समस्या थमने का नाम नहीं ले रहीं है। भावावैली के 14 गांव में आए दिन अंधेरा रहना आम बात हो गई है। बीती रात भावावैली में एक बार फिर बिजली की बत्ती पूरी तरह से घुल रही। इससे दो दिन पूर्व कटगांव के नजदीक पहाडी से पत्थर गिरने के कारण बिजली की हाई टेंशन तार के टूटने के कारण भावावैली दो दिन से अधिक समय तक बिजली सेवा ठप रही थी। दो दिन बिजली सेवा बहाल रहने के बाद मंगलवार दोपहर से बिजली सेवा 24 घंटे से अधिक समय तक फिर बाधित रही। ऐसे में भावावैली के लोगों में बिजली बोर्ड के प्रति भारी रोष पनप रहा है। हैरानी इस बात कि है कि बोर्ड के मात्र दो कर्मचारी 14 गांव में 22 ट्रांसफार्मर में बिजली सेवा जिम्मा संभाले हुए है।
बताया जा रहा है कि शेरपा कालौनी के निकट बिजली लाईन में मंगलवार दोपहर बाद एंसुलेटर खराब हो गया था। जिससे भावावैली में बुधवार दोपहर 1 बजे तक बिजली सेवा बाधित रही। बोर्ड के दो कर्मचारियों को बिजली लाईन में फॉलट ढूंडने में पसीने छूट गए है। पता चला है कि भावावैली में बिजली बोर्ड ने लाईनमैन भी नहीं भेजा है। यहां ये दो कर्मचारी जान खतरे में डाल कर सेवा दे रहें है। ये दो कर्मचारी भावावैली के 14 गांवों के अलावा कंडार और साक कंडें में भी डियूटी दे रहें है। ऐसे में जब कभी किसी गांव में बिजली सेवा ठप हो जाती है तो इन्हें वहां पहुंचने में घंटों लग जाते हैं।
बताया जा रहा है कि शेरपा कालौनी के निकट बिजली लाईन में मंगलवार दोपहर बाद एंसुलेटर खराब हो गया था। जिससे भावावैली में बुधवार दोपहर 1 बजे तक बिजली सेवा बाधित रही। बोर्ड के दो कर्मचारियों को बिजली लाईन में फॉलट ढूंडने में पसीने छूट गए है। पता चला है कि भावावैली में बिजली बोर्ड ने लाईनमैन भी नहीं भेजा है। यहां ये दो कर्मचारी जान खतरे में डाल कर सेवा दे रहें है। ये दो कर्मचारी भावावैली के 14 गांवों के अलावा कंडार और साक कंडें में भी डियूटी दे रहें है। ऐसे में जब कभी किसी गांव में बिजली सेवा ठप हो जाती है तो इन्हें वहां पहुंचने में घंटों लग जाते हैं।
Advertisement
Advertisement
किन्नौर
हिमाचल प्रदेश से
सर्वाधिक पढ़ी गई
Advertisement
Traffic
Features
