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सरकार नशा तस्करी को गैर जमानती अपराध बनाने के लिए कानून लाएगी

सोलन । मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने सोलन जिले के बद्दी के निमंत्रण रिज़ार्ट में एक राज्य स्तरीय नशा विरोधी रैली को संबोधित करते हुए कहा कि समाज को नशामुक्त और स्वस्थ बनाने तथा नशीले पदार्थों के दुरूपयोग की समस्या से निपटने के लिए अभिभावकों, अध्यापकों तथा देश के प्रत्येक जिम्मेदार नागरिक को शामिल कर एक वृहद जन अभियान की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हालांकि, हिमाचल प्रदेश को देवभूमि होने का गौरव प्राप्त है, लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि यहां तक कि देवभूमि भी नशीली दवाओं के दुरुपयोग के खतरे से अछूती नहीं है। इस प्रकार इस सामाजिक बुराई के विरूद्ध सामूहिक अभियान आरम्भ करना समय की आवश्यकता है।
जय राम ठाकुर ने कहा कि राज्य की सीमाएं लगभग पांच राज्यों के साथ लगती हैं और राज्य के सीमावर्ती जिलों में नशा तस्कर काफी सक्रिय हैं। उन्होंने कहा कि नशा तस्करों के विरूद्ध पंजीकृत ज्यादातर मामले पड़ोसी राज्यों के हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की पहल पर पड़ोसी राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक चंडीगढ़ में आयोजित की गई थी ताकि इस सामाजिक समस्या को रोकने के लिए संयुक्त रणनीति तैयार की जा सके। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की यह पहल सफल साबित हुई है क्योंकि नशीली दवाओं के तस्करों के विरूद्ध जानकारी साझा करने के कारण नशीले पदार्थों की तस्करी में संलिप्त कई लोगों को गिरफ्तार करके उन्हें सलाखों के पीछे पहुंचाया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों को विशेष रूप से युवाओं को नशीली दवाओं के दुरुपयोग के दुष्प्रभावों के विरूद्ध जागरूक करने लिए विशेष अभियान शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस संबंध में रोकथाम कार्यक्रमों में परिवारों, स्कूलों और संबंधित संस्थाओं को शामिल करना महत्वपूर्ण है। उन्होंने बच्चों से आग्रह किया कि वे अपने बुजुर्गों को शराब का उपयोग मनोरंजन और तनाव मुक्ति के लिए करने से रोकने में आगे आएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोटॉपिक सबस्टेंस एक्ट, 1985 को इस बुराई को रोकने के लिए कड़े प्रावधानों के साथ अधिनियमित किया गया है, जिसमें अपराधी को न्यूनतम 10 साल के कारावास की सजा का प्रावधान है, जिसे 20 साल तक बढ़ाया जा सकता है और एक लाख रुपये के जुर्माने की सजा है जिसे दो लाख रूपये तक बढ़ाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि नशीले पदार्थों की अवैध तस्करी से प्राप्त संपत्तियों को जब्त करने का प्रावधान करके अधिनियम को संशोधित किया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने नशा तस्करी को गैर-जमानती अपराध बनाने के लिए एक कानून लाने का भी फैसला किया है।
उन्होंने कहा कि बद्दी में नशामुक्ति केन्द्र खोला जाएगा। उन्होंने कहा कि वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बद्दी में विज्ञान की कक्षाएं आरम्भ की जाएंगी। उन्होंने प्राथमिक पाठशाला तिमली को माध्यमिक पाठशाला तथा उच्च पाठशाला थाना को राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला में स्तरोन्नत करने की भी घोषणाएं की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हालांकि, हिमाचल प्रदेश को देवभूमि होने का गौरव प्राप्त है, लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि यहां तक कि देवभूमि भी नशीली दवाओं के दुरुपयोग के खतरे से अछूती नहीं है। इस प्रकार इस सामाजिक बुराई के विरूद्ध सामूहिक अभियान आरम्भ करना समय की आवश्यकता है।
जय राम ठाकुर ने कहा कि राज्य की सीमाएं लगभग पांच राज्यों के साथ लगती हैं और राज्य के सीमावर्ती जिलों में नशा तस्कर काफी सक्रिय हैं। उन्होंने कहा कि नशा तस्करों के विरूद्ध पंजीकृत ज्यादातर मामले पड़ोसी राज्यों के हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की पहल पर पड़ोसी राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक चंडीगढ़ में आयोजित की गई थी ताकि इस सामाजिक समस्या को रोकने के लिए संयुक्त रणनीति तैयार की जा सके। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की यह पहल सफल साबित हुई है क्योंकि नशीली दवाओं के तस्करों के विरूद्ध जानकारी साझा करने के कारण नशीले पदार्थों की तस्करी में संलिप्त कई लोगों को गिरफ्तार करके उन्हें सलाखों के पीछे पहुंचाया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों को विशेष रूप से युवाओं को नशीली दवाओं के दुरुपयोग के दुष्प्रभावों के विरूद्ध जागरूक करने लिए विशेष अभियान शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस संबंध में रोकथाम कार्यक्रमों में परिवारों, स्कूलों और संबंधित संस्थाओं को शामिल करना महत्वपूर्ण है। उन्होंने बच्चों से आग्रह किया कि वे अपने बुजुर्गों को शराब का उपयोग मनोरंजन और तनाव मुक्ति के लिए करने से रोकने में आगे आएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोटॉपिक सबस्टेंस एक्ट, 1985 को इस बुराई को रोकने के लिए कड़े प्रावधानों के साथ अधिनियमित किया गया है, जिसमें अपराधी को न्यूनतम 10 साल के कारावास की सजा का प्रावधान है, जिसे 20 साल तक बढ़ाया जा सकता है और एक लाख रुपये के जुर्माने की सजा है जिसे दो लाख रूपये तक बढ़ाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि नशीले पदार्थों की अवैध तस्करी से प्राप्त संपत्तियों को जब्त करने का प्रावधान करके अधिनियम को संशोधित किया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने नशा तस्करी को गैर-जमानती अपराध बनाने के लिए एक कानून लाने का भी फैसला किया है।
उन्होंने कहा कि बद्दी में नशामुक्ति केन्द्र खोला जाएगा। उन्होंने कहा कि वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बद्दी में विज्ञान की कक्षाएं आरम्भ की जाएंगी। उन्होंने प्राथमिक पाठशाला तिमली को माध्यमिक पाठशाला तथा उच्च पाठशाला थाना को राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला में स्तरोन्नत करने की भी घोषणाएं की।
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