Advertisement
पंजाब में कपास की सरकारी खरीद की राह में आढ़ती बने बाधक : अधिकारी

बठिंडा/नई दिल्ली। भारतीय कपास निगम (सीसीआई) पंजाब में किसानों से कपास की नई फसल की सीधी खरीद के लिए मंडियों में पूरा प्रबंध किया है, लेकिन आढ़तियों के विरोध की वजह से खरीद नहीं हो पा रही है। यह जानकारी सीसीआई के एक अधिकारी ने दी। भटिडा स्थित सीसीआई की शाखा के अधिकारी बृजेश कताना ने फोन पर बताया कि सीसीआई के कर्मचारी मंडियों में कपास खरीद के लिए मुस्तैद हैं, लेकिन आढ़तियों के मना करने की वजह से किसान फसल लेकर नहीं आ रहे हैं।
उन्होंने कहा, "आढ़ती खरीद पर 2.5 फीसदी की दर से कमीशन मांगते हैं, लेकिन हमें किसानों से सीधी खरीद करने और फसल का दाम उनके बैंक खाते में ट्रांसफर करने का आदेश मिला है। ऐसे में हम आढ़तियों को कमीशन नहीं दे सकते हैं।"
उन्होंने कहा कि पंजाब की मंडियों में आढ़तियों का वर्चस्व है। किसान से लेकर मिल वाले तक सबपर आढ़तियों की पकड़ है। इसलिए वे उनकी बात मानते हैं। उन्होंने कहा, "आढ़तियों ने कहा है कि कपास की खरीद पर उन्हें कमीशन नहीं दिया जाएगा तो वे सीसीआई की खरीद नहीं होने देंगे।"
कताना ने कहा कि कपास की सरकारी खरीद नहीं होने का एक और कारण यह है कि अभी जो फसल मंडी में आ रही है उसमें नमी की मात्रा ज्यादा है।
उन्होंने बताया कि अभी 14-15 फीसदी नमी फसल में है, जबकि सीसीआई 8-12 फीसदी नमी वाला कपास ही खरीदता है।
उन्होंने कहा कि नमी का मानक है आठ फीसदी, लेकिन उससे अधिक नमी रहने पर कीमतों में कटौती की जाती है। मसलन नौ फीसदी नमी होने पर कपास के न्यनूतम समर्थन मूल्य (एमएसपी)में से एक फीसदी कम मूल्य पर किसानों से फसल की खरीद की जाती है।
केंद्र सरकार ने चालू खरीफ सीजन 2018-19 के लिए कपास (लंबा रेशा) का एमएसपी 5,450 रुपये प्रति क्विंटल और मध्यमरेशा वाले कपास का एमएसपी 5,150 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है।
--आईएएनएस
उन्होंने कहा, "आढ़ती खरीद पर 2.5 फीसदी की दर से कमीशन मांगते हैं, लेकिन हमें किसानों से सीधी खरीद करने और फसल का दाम उनके बैंक खाते में ट्रांसफर करने का आदेश मिला है। ऐसे में हम आढ़तियों को कमीशन नहीं दे सकते हैं।"
उन्होंने कहा कि पंजाब की मंडियों में आढ़तियों का वर्चस्व है। किसान से लेकर मिल वाले तक सबपर आढ़तियों की पकड़ है। इसलिए वे उनकी बात मानते हैं। उन्होंने कहा, "आढ़तियों ने कहा है कि कपास की खरीद पर उन्हें कमीशन नहीं दिया जाएगा तो वे सीसीआई की खरीद नहीं होने देंगे।"
कताना ने कहा कि कपास की सरकारी खरीद नहीं होने का एक और कारण यह है कि अभी जो फसल मंडी में आ रही है उसमें नमी की मात्रा ज्यादा है।
उन्होंने बताया कि अभी 14-15 फीसदी नमी फसल में है, जबकि सीसीआई 8-12 फीसदी नमी वाला कपास ही खरीदता है।
उन्होंने कहा कि नमी का मानक है आठ फीसदी, लेकिन उससे अधिक नमी रहने पर कीमतों में कटौती की जाती है। मसलन नौ फीसदी नमी होने पर कपास के न्यनूतम समर्थन मूल्य (एमएसपी)में से एक फीसदी कम मूल्य पर किसानों से फसल की खरीद की जाती है।
केंद्र सरकार ने चालू खरीफ सीजन 2018-19 के लिए कपास (लंबा रेशा) का एमएसपी 5,450 रुपये प्रति क्विंटल और मध्यमरेशा वाले कपास का एमएसपी 5,150 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है।
--आईएएनएस
ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
Advertisement
Advertisement
बठिंडा
पंजाब से
सर्वाधिक पढ़ी गई
Advertisement
Traffic
Features
