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किसान धान बेचने के लिए 25 दिनों से मंडियों में धक्के खा रहा है : बजरंग गर्ग
उन्होंने कहा कि धान की सरकारी खरीद, उठान व भुगतान 72 घंटे में ना होने से प्रदेश के किसान, आढ़ती व मजदूरों में बड़ा भारी रोष है जबकि सरकार की तरफ से मंडियों में धान की खरीद व उठान के कोई पुख्ता प्रबंध नहीं है।
बजरंग गर्ग ने कहा कि किसान का लाखों मेट्रिक टन धान मंडी व सड़कों में पड़ा है जबकि धान उठान के सरकारी ठेकेदार पैसे खाने के चक्कर में जानबूझकर उठान में देरी कर रहे हैं। धान उठान के सरकारी ठेकेदार धान उठाने के नाम पर 3 से 5 रुपए तक बोरी के आढ़तियों से मांग रहे हैं और राईस मिलर द्वारा चावल एफसीआई गोदाम में लगाने के नाम पर सरकारी अधिकारी 10 हजार रुपए प्रति गाड़ी के खुलेआम रिश्वत के नाम पर ले रहे है।
बजरंग गर्ग ने कहा कि सरकार को धान खरीद व उठान के पुख्ता से पुख्ता प्रबंध तुरंत प्रभाव से करने चाहिए और अनाज मंडियों में जो मूलभूत सुविधा की कमियां है उसको पूरा किया जाए और किसानों के लिए किसान भवन में ठहरने व चाय पानी की उचित व्यवस्था सरकार को करनी चाहिए।
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