Farm-Stay Man Wants To Promote Agricultural Tourism-m.khaskhabar.com
×
khaskhabar
Mar 27, 2023 10:03 pm
Location
Advertisement

फार्म-स्टे मैन चाहते हैं कृषि पर्यटन को बढ़ावा

khaskhabar.com : मंगलवार, 27 फ़रवरी 2018 7:04 PM (IST)
फार्म-स्टे मैन चाहते हैं कृषि पर्यटन को बढ़ावा
होशियारपुर । जिले में पिछले एक दशक से ज्यादा समय पहले 'फार्म स्टे' की शुरुआत करने वाले कृषक-उद्यमी हरकीरत सिंह मानते हैं कि कृषि पर्यटन को बढ़ावा मिलने की जरूरत है, जिससे शहरी क्षेत्रों में रहने वाले लोग ग्रामीण जीवन का अनुभव कर सकें। उन्होंने कहा कि इससे किसानों को आय का अतिरिक्त स्रोत मिल सकेगा।

चंडीगढ़ से लगभग 140 किलोमीटर दूर अपने फार्म 'साइट्रस कंट्री' पर हरकीरत सिंह ने आईएएनएस को बताया, "दूर से बहुत चमक दमक से परिपूर्ण लगने वाले इस व्यापार में बहुत ज्यादा प्रशिक्षण और प्रतिदिन योजना बनाने की जरूरत होती है। यह ऐसी नहीं है कि आपने इसे सुविधा संपन्न कर दिया और यह लंबे समय तक चलता रहे। फार्म स्टे ( खेत में रहने के लिए घर) उद्यम में प्रतिदिन नई चुनौती मिलती है। मेहमानों की खाने पीने तथा अन्य सुविधाओं सहित उन्हें ग्रामीण जीवन में शामिल व्यंजनों का प्रतिदिन नया स्वाद देना पड़ता है।"

साल 2007 में छोटे स्तर पर फार्म स्टे शुरू करने वाले हरकीरत सिंह ने न सिर्फ अपना उद्योग आगे बढ़ाया, बल्कि अन्य कृषकों को इस उद्यम में प्रवेश दिलाने के लिए अपनी फ्रेंचाइजी (अधिकार) तथा परामर्श केंद्र भी शुरू कर दिया। उन्होंने पिछले साल पड़ोसी राज्य हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में अपनी दूसरी परियोजना 'बसेरा-तीर्थना के द्वारा' भी शुरू कर दी है।

होशियारपुर के निकट छाउनी में रहने वाले हरकीरत सिंह किशोर उम्र से ही किसान हैं। उन्होंने कहा, "कृषि ज्यादातर लोगों के बस की नहीं है। मौजूदा स्रोतों से आय का एक वैकल्पिक स्रोत होना चाहिए जो कि किसानों के पास है। शहर की भागदौड़ और तनावपूर्ण जिंदगी के बाद लोग गांवों में आकर अपना तनाव दूर करना चाहते हैं।"

हरकीरत सिंह ने अपनी फ्रेंचाइजी और परामर्श केंद्र के बारे में बताते हुए कहा, "मैं प्रत्येक उद्यमी को व्यापार के सभी पहलुओं पर सलाह देता हूं जैसे कर्मी, जगह, फर्नीचर, निर्माण, विपणन, कार्यकलाप, हर प्रकार के मेहमानों से सौदेबाजी और कर्मियों का मूल प्रशिक्षण।"

उन्होंने कहा कि उनके फार्म स्टे पर आने वाले मेहमान यह देखते हैं कि कृषि प्रधान राज्य में खेती कैसे होती है। वे पौधे बो सकते हैं, फल तोड़ सकते हैं, खेतों में हल चला सकते हैं, गायें, भैंसें, ट्रैक्टर चला सकते हैं या पास के जंगलों में जा सकते हैं।

भारत की रोटी की टोकरी के नाम से मशहूर पंजाब में हरित क्रांति 1960 में शुरू हुई थी। हरकीरत ने लोगों को खेती के एक नए पहलू से परिचित कराया है।

--आईएएनएस

ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे

Advertisement
Khaskhabar Punjab Facebook Page:
Advertisement
Advertisement