Advertisement
शहीद के परिवार को अभी तक नहीं मिली एक रुपए की भी मदद

तरनतारन। पाकिस्तान हमले में शहीद परमजीत सिंह का परिवार आज तक सरकारी मदद की बाट जोह रहा है। परिवार अब आशंकित है कि शहीद गुरसेवक के मामले की तरह सरकारी मदद का आश्वासन उनके लिए भी सिर्फ आश्वासन ही नहीं बन जाए।
उनका कहना है कि पिछले साल नवंबर में शहीद गुरसेवक की मदद के लिए तत्कालीन बादल सरकार ने घोषणाओं की झड़ी लगा दी थी, लेकिन आज तक पंजाब सरकार की ओर से उन्हें एक रुपए तक की मदद नहीं मिली। नवंबर 2016 में पाकिस्तान की ओर से घुसपैठ की कोशिश में भारी गोलीबारी की गई थी। घुसपैठ की कोशिश नाकाम हो गई थी, मगर गुरसेवक सिंह शहीद हो गए थे। गुरसेवक का गांव शहीद परमजीत सिंह के गांव से मात्र पांच किलोमीटर दूर है। उनके पिता बलविंदर सिंह ने बताया कि बेटे के संस्कार पर तत्कालीन मंत्री आदेश प्रताप सिंह कैरो ने 15 लाख रुपए देने, घर के एक सदस्य को नौकरी, एक प्लॉट, यादगारी गेट, स्कूल का नाम उनके बेटे पर करने का वादा किया था, लेकिन छह माह बाद भी मदद के नाम पर कुछ नहीं मिला। इतना है कि जहां पर गुरसेवक का अंतिम संस्कार हुआ था, वहां स्टेडियम बनाने का फैसला हुआ था। चारदीवारी बन रही है। लोगों का कहना है कि एक दिन काम होता है और फिर एक हफ्ते बंद रहता है।
तरनतारन
उनका कहना है कि पिछले साल नवंबर में शहीद गुरसेवक की मदद के लिए तत्कालीन बादल सरकार ने घोषणाओं की झड़ी लगा दी थी, लेकिन आज तक पंजाब सरकार की ओर से उन्हें एक रुपए तक की मदद नहीं मिली। नवंबर 2016 में पाकिस्तान की ओर से घुसपैठ की कोशिश में भारी गोलीबारी की गई थी। घुसपैठ की कोशिश नाकाम हो गई थी, मगर गुरसेवक सिंह शहीद हो गए थे। गुरसेवक का गांव शहीद परमजीत सिंह के गांव से मात्र पांच किलोमीटर दूर है। उनके पिता बलविंदर सिंह ने बताया कि बेटे के संस्कार पर तत्कालीन मंत्री आदेश प्रताप सिंह कैरो ने 15 लाख रुपए देने, घर के एक सदस्य को नौकरी, एक प्लॉट, यादगारी गेट, स्कूल का नाम उनके बेटे पर करने का वादा किया था, लेकिन छह माह बाद भी मदद के नाम पर कुछ नहीं मिला। इतना है कि जहां पर गुरसेवक का अंतिम संस्कार हुआ था, वहां स्टेडियम बनाने का फैसला हुआ था। चारदीवारी बन रही है। लोगों का कहना है कि एक दिन काम होता है और फिर एक हफ्ते बंद रहता है।
तरनतारन
ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
Advertisement
Advertisement
तरनतारन
पंजाब से
सर्वाधिक पढ़ी गई
Advertisement
Traffic
Features
