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यूपी के सहारनपुर में नकली वाहन बीमा रैकेट का हुआ पर्दाफाश

सहारनपुर । सहारनपुर पुलिस ने एक ऐसे
गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो बीमा भुगतान पाने के लिए वाहन चुराता था,
और फिर उनके चेसिस नंबरों के साथ छेड़छाड़ के बाद उन्हें किसानों को
बिल्कुल नए करके बेचता था।
पुलिस ने कई नंबर के 23 ट्रैक्टर बरामद किए हैं।
जांच रिपोर्ट तैयार की जा रही है और मामले में आरटीओ अधिकारियों की भूमिका की भी जांच की जा रही है।
एसएसपी सहारनपुर आकाश तोमर के मुताबिक एक मुखबिर से पुलिस को सूचना मिली थी।
एसएसपी ने मामले में जांच के आदेश दिए, जहां एक किसान के ट्रैक्टर में फर्जी इंजन नंबर पाया गया था।
टीमों का गठन किया गया और विस्तृत जांच की गई।
तोमर ने कहा कि हमने किसानों को ट्रैक्टर बेचने वाली दो एजेंसियों से छेड़छाड़ किए गए इंजन नंबर वाले 23 ट्रैक्टर बरामद किए हैं।
उन्होंने कहा कि गिरोह के सदस्य ईएमआई पर ट्रैक्टर खरीदते थे और फिर उसे चोरी के रूप में दिखाकर बीमा का दावा करते थे।
तोमर ने कहा कि वाहन के इंजन नंबर के साथ छेड़छाड़ की गई और उन्होंने नए के रूप में पंजीकृत कराया गया। इसे भोले-भाले खरीदारों को बेच दिया गया।
उन्होंने आगे कहा कि आरटीओ अधिकारियों की भागीदारी के बिना छेड़छाड़ और पंजीकरण संभव नहीं था।
बरामद वाहनों में 10 ट्रैक्टर महिंद्रा के और 13 ट्रैक्टर स्वराज के थे।
पुलिस ने इन ट्रैक्टरों को किसानों को बेचने वाली एजेंसियों के मालिकों को भी हिरासत में लिया है।
नामजद और कुछ अज्ञात आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 467, 468, 471 और 482 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।
--आईएएनएस
जांच रिपोर्ट तैयार की जा रही है और मामले में आरटीओ अधिकारियों की भूमिका की भी जांच की जा रही है।
एसएसपी सहारनपुर आकाश तोमर के मुताबिक एक मुखबिर से पुलिस को सूचना मिली थी।
एसएसपी ने मामले में जांच के आदेश दिए, जहां एक किसान के ट्रैक्टर में फर्जी इंजन नंबर पाया गया था।
टीमों का गठन किया गया और विस्तृत जांच की गई।
तोमर ने कहा कि हमने किसानों को ट्रैक्टर बेचने वाली दो एजेंसियों से छेड़छाड़ किए गए इंजन नंबर वाले 23 ट्रैक्टर बरामद किए हैं।
उन्होंने कहा कि गिरोह के सदस्य ईएमआई पर ट्रैक्टर खरीदते थे और फिर उसे चोरी के रूप में दिखाकर बीमा का दावा करते थे।
तोमर ने कहा कि वाहन के इंजन नंबर के साथ छेड़छाड़ की गई और उन्होंने नए के रूप में पंजीकृत कराया गया। इसे भोले-भाले खरीदारों को बेच दिया गया।
उन्होंने आगे कहा कि आरटीओ अधिकारियों की भागीदारी के बिना छेड़छाड़ और पंजीकरण संभव नहीं था।
बरामद वाहनों में 10 ट्रैक्टर महिंद्रा के और 13 ट्रैक्टर स्वराज के थे।
पुलिस ने इन ट्रैक्टरों को किसानों को बेचने वाली एजेंसियों के मालिकों को भी हिरासत में लिया है।
नामजद और कुछ अज्ञात आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 467, 468, 471 और 482 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।
--आईएएनएस
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