Chandigarh. Cleanliness: A social responsibility or political protest?-m.khaskhabar.com
×
khaskhabar
Dec 4, 2024 5:19 am
Location
Advertisement

गांधी जयंती : स्वच्छता एक सामाजिक जिम्मेदारी या राजनीतिक प्रदर्शन?

khaskhabar.com : बुधवार, 02 अक्टूबर 2024 7:01 PM (IST)
गांधी जयंती : स्वच्छता एक सामाजिक जिम्मेदारी या राजनीतिक प्रदर्शन?
चंडीगढ़। केंद्रीय रेल और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्यमंत्री रवनीत सिंह बिट्टू की हालिया फोटो गांधी जयंती पर गांधी स्मारक भवन में चरखे के साथ खिंचवाई गई, जो अब चर्चा का विषय बन गई है। लेकिन क्या इस प्रकार का प्रदर्शन गांधी की वास्तविकता का प्रतिनिधित्व करता है? क्या केवल फोटो खिंचवाने से कोई व्यक्ति गांधी बन सकता है? गांधी बनने के लिए उनके विचारों को अपने जीवन में उतारना पड़ता है, न कि महज एक फोटोशूट के माध्यम से। यह एक महत्वपूर्ण प्रश्न है, खासकर तब जब बिट्टू ने हाल ही में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को आतंकवादी कहा था, जिससे उनकी राजनीतिक स्थिति पर सवाल उठते हैं।


गांधी जयंती पर आयोजित कार्यक्रम का उद्देश्य स्वच्छता और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना था, और इसे चंडीगढ़ प्रदेश भाजपा अध्यक्ष जतिंदर पाल मल्होत्रा ने प्रस्तुत किया। बिट्टू ने अपने संबोधन में कहा, "स्वच्छता न केवल एक सामाजिक जिम्मेदारी है, बल्कि यह स्वस्थ समाज की बुनियाद भी है।" यह एक सकारात्मक विचार है, लेकिन क्या यह वास्तव में उस वास्तविकता को दर्शाता है जिसमें हम रह रहे हैं? क्या सिर्फ वक्तव्य और आयोजनों से स्वच्छता का आदान-प्रदान होगा, या इसके लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है?

मल्होत्रा का यह कहना कि "स्वच्छता और आत्मनिर्भरता महात्मा गांधी के आदर्शों का मूल है," एक अच्छी भावना हो सकती है, लेकिन क्या यह उन क्रियाओं को अनदेखा नहीं करता जो वास्तव में समाज में बदलाव ला सकती हैं? यदि हम केवल आदर्शों की बात करें और उन्हें कार्यान्वित करने के लिए कोई ठोस कदम न उठाएं, तो क्या हम सच में गांधी के विचारों को आगे बढ़ा रहे हैं?

स्वच्छता अभियान के बाद, बिट्टू ने खादी इंडिया स्टोर का दौरा किया और खादी उत्पादों की खरीदारी की। यह एक प्रयास है, लेकिन क्या यह वास्तव में समाज के व्यापक बदलाव का हिस्सा है? खादी को प्रोत्साहित करना एक अच्छी बात है, लेकिन केवल छवियों और शब्दों से काम नहीं चलेगा; वास्तविकता में स्थानीय उत्पादों का समर्थन और स्वच्छता के प्रति जागरूकता लाने के लिए ठोस प्रयास किए जाने चाहिए।

इस प्रकार, यह समारोह गांधी के सिद्धांतों को आगे बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण प्रयास हो सकता है, लेकिन इसे केवल एक कार्यक्रम के रूप में नहीं देखना चाहिए। हमें स्वच्छता के प्रति जागरूकता लाने के लिए सामाजिक जिम्मेदारी को एक गंभीरता से लेना होगा, न कि इसे सिर्फ एक राजनीतिक प्रदर्शन का माध्यम बनाना चाहिए।

ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे

Advertisement
Khaskhabar.com Facebook Page:
Advertisement
Advertisement