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महिलाओं से चेन स्नेचिंग अब अपराध की श्रेणी में, नए कानून से मिलेगी महिलाओं को सुरक्षा

khaskhabar.com : रविवार, 27 अक्टूबर 2024 5:40 PM (IST)
महिलाओं से चेन स्नेचिंग अब अपराध की श्रेणी में, नए कानून से मिलेगी महिलाओं को सुरक्षा
भारत में चेन स्नैचिंग महिलाओं के खिलाफ एक गंभीर और खतरनाक अपराध है। इसकी शिकार मुख्यतः महिलाएं ही होती हैं। सड़क पर चलते समय या किसी सार्वजनिक स्थान पर, अक्सर महिलाओं के गले से बदमाश उनकी सोने की चेन झपट कर ले जाते हैं। इससे न केवल उनके कीमती गहने या सामान का नुकसान होता है, बल्कि उन्हें मानसिक तनाव और असुरक्षा का भी सामना करना पड़ता है। कई मामलों में महिलाएं गिरने या चोटिल होने से शारीरिक नुकसान भी झेलती हैं।

जैसा कि हम जानते है कि चैन स्नैचिंग के अपराध की victim महिलाएं ही होती है, भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 में चेन स्नैचिंग को एक गंभीर अपराध माना गया है, जिसके लिए धारा 304 के अनुसार, चेन स्नैचिंग के अपराध पर तीन साल तक की जेल और जुर्माने की सजा हो सकती है। अदालत इस सजा की अवधि और जुर्माने की राशि को मामले की गंभीरता, अपराधी के पूर्व रिकॉर्ड और अन्य कारकों के आधार पर तय करेगी।
भारतीय न्याय संहिता (BNS 2023) में इस अपराध को संगठित अपराध की श्रेणी में लाना और इसके लिए कठोर दंड प्रावधान करना महिलाओं की सुरक्षा में एक महत्वपूर्ण कदम है। अब यह कानून इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए अधिक सक्षम है और महिलाओं को एक सुरक्षित वातावरण प्रदान करने की दिशा में सहायक सिद्ध हो सकता है।
कार्यस्थल पर महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार एवं यौन उत्पीड़नः
भारतीय न्याय संहिता 2023 महिलाओं की सुरक्षा और उनके अधिकारों की रक्षा में एक सराहनीय कदम है। इसमें न केवल यौन उत्पीड़न और दुर्व्यवहार के खिलाफ कठोर दंड प्रावधान हैं, बल्कि महिलाओं के साथ होने वाले भेदभाव को भी समाप्त करने का प्रयास किया गया है। राजस्थान के संदर्भ में, "राजस्थान विशाखा बनाम राजस्थान राज्य" के निर्णय ने महिलाओं के कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट द्वारा AIR 1997 SC 3011 में दिए गए ऐतिहासिक फैसले ने कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न को रोकने के लिए दिशा-निर्देश तैयार किए, जिसे "विशाखा दिशानिर्देश" कहा जाता है।
राजस्थान सरकार द्वारा इस बाबत "राजस्थान कार्यस्थल पर महिला यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम-2013" पारित किया, जो महिला कर्मचारियों की सुरक्षा और गरिमा की रक्षा में एक महत्त्वपूर्ण अधिनियम है। इसमें प्रत्येक सरकारी विभाग में महिलाओं की शिकायत सुनने के लिए विशाखा कमेटी के गठन का प्रावधान है। अनेक विभागों में ऐसी कमेटियां गठित हैं, जहां महिलाएं अपनी शिकायत कर सकती हैं। महिला की शिकायत सही पाए जाने पर संबंधित अधिकारी-कर्मचारी को दंडित किए जाने का भी प्रावधान है।

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