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बिहार: जातीय गणना के लिए जदयू ने नीतीश को दिया 'धन्यवाद', निकाली आभार यात्रा

पटना। बिहार में जातीय जनगणना कराने के निर्णय को लेकर शनिवार को जदयू के कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का आभार व्यक्त करने के लिए राजधानी पटना सहित राज्य के विभिन्न जिलों में 'आभार यात्रा' निकाली। पटना में भी आभार यात्रा निकाली गई। पटना में यह यात्रा जेपी गोलंबर से आरंभ होकर कारगिल चौक (गांधी मैदान) तक निकाली गई। जिसमें जदयू संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह पूर्व केन्द्रीय मंत्री उपेन्द्र कुशवाहा, भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री लेसी सिंह सहित कई नेता और कार्यकर्ता शामिल हुए।
उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जातीय जनगणना कराने का ऐतिहासिक फैसला लिया है। हम लोग उन्हें धन्यवाद देते हैं। उन्होंने कहा कि आम अवाम को इच्छा भी उन्हें धन्यवाद देने की थी। जातीय जनगणना होने से सबसे ज्यादा लाभ गरीबों को होगा। कमजोर तबका नीतीश कुमार की ओर बहुत उम्मीद से देख रहा है।
जदयू के नेता निखिल मंडल ने कहा कि जिस प्रकार से जातीय गणना को लेकर शुरूआती दौर से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जिस तरह से सोच रखा था वह अब बिहार में प्रारंभ होने वाला है। उन्होंने कहा कि उनकी सोच समाज के सभी तबकों को सरकारी योजनाओं का सही लाभ पहुंचाने के लिए जातीय गणना ही हो सकती है।
उन्होंने कहा कि केंद्र में यह भले नहीं हो सका लेकिन बिहार में छह महीने के अंदर गणना हो जाएगी। यह निश्चित रूप से बड़ी चीज है। आम भावना यही है कि नीतीश कुमार को इसके लिए आभार जताया जाए और इसी के प्रकटीकरण के लिए उन्हें धन्यवाद देने के लिए हमलोग आभार यात्रा निकाल रहे हैं।
बिहार सरकार को जातीय जनगणना कराने में 9 महीने लगेंगे और इसके लिए 500 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
--आईएएनएस
उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जातीय जनगणना कराने का ऐतिहासिक फैसला लिया है। हम लोग उन्हें धन्यवाद देते हैं। उन्होंने कहा कि आम अवाम को इच्छा भी उन्हें धन्यवाद देने की थी। जातीय जनगणना होने से सबसे ज्यादा लाभ गरीबों को होगा। कमजोर तबका नीतीश कुमार की ओर बहुत उम्मीद से देख रहा है।
जदयू के नेता निखिल मंडल ने कहा कि जिस प्रकार से जातीय गणना को लेकर शुरूआती दौर से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जिस तरह से सोच रखा था वह अब बिहार में प्रारंभ होने वाला है। उन्होंने कहा कि उनकी सोच समाज के सभी तबकों को सरकारी योजनाओं का सही लाभ पहुंचाने के लिए जातीय गणना ही हो सकती है।
उन्होंने कहा कि केंद्र में यह भले नहीं हो सका लेकिन बिहार में छह महीने के अंदर गणना हो जाएगी। यह निश्चित रूप से बड़ी चीज है। आम भावना यही है कि नीतीश कुमार को इसके लिए आभार जताया जाए और इसी के प्रकटीकरण के लिए उन्हें धन्यवाद देने के लिए हमलोग आभार यात्रा निकाल रहे हैं।
बिहार सरकार को जातीय जनगणना कराने में 9 महीने लगेंगे और इसके लिए 500 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
--आईएएनएस
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