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नक्सली भारत के संविधान में विश्वास रखें तो कहीं भी बात करने को तैयार- भूपेश बघेल

सुकमा। छत्तीसगढ़ का सुकमा वह इलाका रहा है जहां नक्सलवाद की शुरूआत हुई थी, यहां पहुंचे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि सुकमा में नक्सलवाद बहुत पीछे छूट गया है, नक्सली भारत के संविधान पर विश्वास रखें तो मैं कहीं पर भी बात करने के लिए तैयार हूं।
मुख्यमंत्री बघेल इन दिनों भेंट-मुलाकात के दूसरे चरण में बस्तर इलाके के प्रवास पर है। उन्होंने गुरुवार को सुकमा में संवाददाताओं से चर्चा करते हुए कहा, सुकमा, जहां से नक्सलवाद की शुरूआत हुई थी, आज वहां नक्सलवाद का प्रभाव बहुत कम हो चुका है, नक्सलवाद बहुत पीछे जा चुका है। ग्रामीण जो पहले सुरक्षा कैंप का विरोध करते थे, आज सुरक्षा कैंप की मांग कर रहे हैं। ग्रामीणों और सुरक्षा बलों के मध्य मैत्री संबंध स्थापित हुए हैं।
बघेल ने एक सवाल के जवाब में कहा, नक्सली अगर बात करना चाहते हैं तो हमारे द्वार हमेशा खुले हुए हैं, एक ही अपील भारत के संविधान पर विश्वास रखें तो मैं कहीं पर भी बात करने के लिए तैयार हूं। अगर आप भारत के संविधान पर विश्वास नहीं करते तो मैं आपसे बात नहीं कर सकता।
उन्होंने आगे कहा, हमारा निरंतर प्रयास आदिवासियों को जल, जंगल जमीन का अधिकार दिलाना है, जिन्हे परेशानी है, उनसे चर्चा के लिए द्वार खुले हैं, जिन्हे भारतीय संविधान पर विश्वास नहीं, उनसे संवाद करना मुमकिन नहीं।
मुख्यमंत्री बघेल ने सुकमा में आ रहे बदलाव का जिक्र करते हुए कहा, सुकमा में बहुत बदलाव आया है। आदिवासियों की आय में वृद्धि हो रही है, क्षेत्र में लघु वनोपज खरीद बढ़ी है। इसके साथ ही अंदरूनी क्षेत्रों में राशन दुकान खोले जा रहे हैं, बंद पड़े स्कूलों का पुन: संचालन हो रहा है।
--आईएएनएस
मुख्यमंत्री बघेल इन दिनों भेंट-मुलाकात के दूसरे चरण में बस्तर इलाके के प्रवास पर है। उन्होंने गुरुवार को सुकमा में संवाददाताओं से चर्चा करते हुए कहा, सुकमा, जहां से नक्सलवाद की शुरूआत हुई थी, आज वहां नक्सलवाद का प्रभाव बहुत कम हो चुका है, नक्सलवाद बहुत पीछे जा चुका है। ग्रामीण जो पहले सुरक्षा कैंप का विरोध करते थे, आज सुरक्षा कैंप की मांग कर रहे हैं। ग्रामीणों और सुरक्षा बलों के मध्य मैत्री संबंध स्थापित हुए हैं।
बघेल ने एक सवाल के जवाब में कहा, नक्सली अगर बात करना चाहते हैं तो हमारे द्वार हमेशा खुले हुए हैं, एक ही अपील भारत के संविधान पर विश्वास रखें तो मैं कहीं पर भी बात करने के लिए तैयार हूं। अगर आप भारत के संविधान पर विश्वास नहीं करते तो मैं आपसे बात नहीं कर सकता।
उन्होंने आगे कहा, हमारा निरंतर प्रयास आदिवासियों को जल, जंगल जमीन का अधिकार दिलाना है, जिन्हे परेशानी है, उनसे चर्चा के लिए द्वार खुले हैं, जिन्हे भारतीय संविधान पर विश्वास नहीं, उनसे संवाद करना मुमकिन नहीं।
मुख्यमंत्री बघेल ने सुकमा में आ रहे बदलाव का जिक्र करते हुए कहा, सुकमा में बहुत बदलाव आया है। आदिवासियों की आय में वृद्धि हो रही है, क्षेत्र में लघु वनोपज खरीद बढ़ी है। इसके साथ ही अंदरूनी क्षेत्रों में राशन दुकान खोले जा रहे हैं, बंद पड़े स्कूलों का पुन: संचालन हो रहा है।
--आईएएनएस
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