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ऑडिटर को रिकार्ड उपलब्ध नहीं कराने वाली सोसायटियों के विरूद्ध होगी कार्रवाई

जयपुर। शासन सचिव एवं रजिस्ट्रार, सहकारिता मंजू राजपाल ने बताया कि प्रदेश की सभी 8207 ग्राम सेवा सहकारी समितियों (पैक्स) का वर्ष 2023-24 तक की अवधि का ऑडिट पूर्ण कराना विभाग की प्राथमिकता है और अब तक 6871 पैक्स का ऑडिट पूर्ण हो चुका है। झुंझुनूं जिला एकमात्र ऐसा अनूठा जिला है जहां की समस्त 242 पैक्स का ऑडिट पूर्ण करवा लिया गया है और सराहनीय यह है कि सभी पैक्स का ऑडिट विभागीय सहकारी निरीक्षकों द्वारा सम्पादित किया गया है।
राजपाल ने प्रदेश की सहकारी सोसायटियों की ऑडिट की समीक्षा बैठक के बाद बताया कि जयपुर (शहर), बूंदी, सीकर, टोंक, अजमेर, कोटा, चुरू और झालावाड़ जिला इकाइयों द्वारा 95 प्रतिषत से अधिक पैक्स का ऑडिट लक्ष्य प्राप्त कर लिया है। उन्होंने बताया कि ऐसी ऑडिटर चार्टर्ड अकाउण्टेंट फर्म या विभागीय निरीक्षक द्वारा 30 नवम्बर तक संबंधित सोसायटियों के ऑडिट का कार्य प्रारम्भ नहीं किया है, उनके विरूद्ध नियमानुसार कार्रवाई की जायेगी तथा ऐसी सोसायटियों में ऑडिट कार्य पूर्ण करने की समय सीमा निर्धारित करते हुऐ नये ऑडिटर नियुक्त करने के लिये निर्देषित किया जा चुका है।
उन्होंने कहा कि सहकारी कानून के तहत यह प्रत्येक सोसायटी के प्रबंधन एवं कार्मिकों के लिये बाध्यकारी है कि वे ऑडिटर को अपेक्षित पुस्तकें, रिकार्ड एवं जानकारी उपलब्ध करावें। उन्होंने बताया कि समीक्षा बैठक में सभी विशेष लेखा परीक्षक एवं क्षेत्रीय अंकेक्षण अधिकारियों को निर्देश दिये गये कि जिन सोसायटियों का ऑडिट रिकार्ड और सूचनाओं के अभाव में नहीं हो पाया है, ऐसे प्रकरणों में तत्काल सहकारी कानून के तहत कार्रवाई की जावे।
पैक्स कम्प्यूटराइजेशन के लिये अहम आवश्यकता है ऑडिट
राजपाल ने बताया कि प्रदेश की पैक्स के कम्प्यूटराइजेशन के प्रथम एवं दूसरे फेज में चिह्नित 6781 पैक्स में से 4000 पैक्स का डीसीटी (डेटा केप्चरिंग टूल) का कार्य पूर्ण हो चुका है तथा 1950 पैक्स को गो-लाइव किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि पैक्स के डीसीटी के लिये पहली आवष्यकता उसका ऑडिट होता है ताकि उसके अंतिम लेखों की समस्त जानकारी एवं आंकडों को सॉफ्टवेयर में अपलोड किया जा सके। पैक्स की डीसीटी पूर्ण होने पर सोसायटी अपने दैनिक कार्यों को सॉफ्टवेयर के माध्यम से करने सक्षम बन जाती है।
उन्होंने बताया कि प्रदेश की पैक्स के कम्प्यूटराइजेशन प्रक्रिया के पूर्ण होने पर सभी सोसायटियों में पारदर्शिता बढेगी और बैंकिंग सहित ई-मित्र जैसी अन्य सुविधायें गांव के स्तर पर मिल सकेंगी।
रजिस्ट्रार ने बताया कि प्रदेष में 23 हजार से अधिक सोसायटियों का ऑडिट करवाया जा रहा है और अबतक 14500 से अधिक सोसायटियों का ऑडिट पूर्ण हो चुका है। जिन सोसायटियों द्वारा नियत समय 30 मई तक ऑडिटर नियुक्त नहीं किया गया था, उनमें विभाग स्तर से ऑडिटर की नियुक्ति कर दी गई है तथा सभी को शीघ्र ऑडिट कार्य पूर्ण करने के लिये निर्देशित कर दिया गया है।
सहकारी सोसायटी स्वयं करती है ऑडिटर की नियुक्ति
सहकारिता कानून के तहत पंजीकृत प्रत्येक सोसायटी के लिये प्रतिवर्ष अपने क्रियाकलाप एवं कारोबार के आधार पर तैयार किये गये लेखों का ऑडिट करवाया जाना अनिवार्य है। यह ऑडिट प्रत्येक वर्ष 30 सितम्बर तक पूर्ण करवाया जाना बाध्यकारी है। 97वें संविधान संशोधन के द्वारा सहकारी सोसायटियों को स्वायत्तता प्रदान करते हुए अपना ऑडिटर नियुक्त करने का अधिकार दिया गया था।
यदि कोई सोसायटी प्रत्येक वित्तीय वर्ष की समाप्ति के बाद 30 मई तक अपना ऑडिटर नियुक्त नहीं करती है तो रजिस्ट्रार द्वारा ऑडिटर नियुक्त किया जाता है।
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