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यूपी में पोस्टमार्टम रिपोर्ट में देरी के आरोप में 3 डॉक्टर, सफाईकर्मी पर मामला दर्ज

संभल । राज्य में एक
किसान की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में अनावश्यक देरी करने के लिए तीन डॉक्टरों
और एक सफाईकर्मी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
बहजोई पुलिस स्टेशन के निरीक्षक, अजय सिंह ने कहा, "विभिन्न आईपीसी धाराओं
के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की गई है, जिसमें 201 (अपराध के सबूतों को गायब
करना, या स्क्रीन अपराधी को झूठी जानकारी देना), 409 (लोक सेवक द्वारा
आपराधिक विश्वासघात या बैंकर, मर्चेंट या एजेंट जुड़ा हो) और 120बी
(आपराधिक साजिश की सजा) के तहत डॉक्टर खिलेंद्र सक्सेना, डॉ सौवीर सिंह और
डॉ राज किशोर और एक सफाईकर्मी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।"
"मोर्चरी के कार्यवाहक हिरदेश कुमार की भूमिका भी सवालों के घेरे में है। अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।"
अधिकारी के अनुसार, संभल के एक किसान 60 वर्षीय रामवीर सिंह की एक सप्ताह पहले मौत हो गई थी और उसका परिवार उसकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट लेने के लिए बहापुर पट्टी गांव के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के चक्कर लगा रहा था।
स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा कि डॉक्टर, (जो 11 नवंबर को ड्यूटी पर थे) ने कथित तौर पर अपने सहयोगी को पोस्टमार्टम करने के लिए कहा था, क्योंकि वह 'व्यस्त' थे।
सहकर्मी ने पोस्टमार्टम तो किया, लेकिन पुलिस या परिवार को रिपोर्ट नहीं सौंपी।
यह पूछे जाने पर कि देरी का कारण क्या है, इस पर संभल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ), डॉ अजय कुमार सक्सेना ने कहा कि डॉक्टर से संपर्क किया गया था, लेकिन उन्होंने कहा कि उन्होंने पोस्टमार्टम नहीं किया है।
मामले में गड़बड़ी की आशंका जताते हुए सीएमओ ने संभल पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है।
उन्होंने कहा, "डॉ खिलेंद्र सक्सेना ने पोस्टमॉर्टम किया था। स्वीपर के दावों के अनुसार, दो अन्य डॉक्टरों ने भी, उसी रात, मोर्चरी का दौरा किया था। स्वीपर के दावे की पुष्टि करने के लिए, डॉ खिलेंद्र सक्सेना से संपर्क किया गया था, लेकिन उन्होंने कहा कि उन्होंने पोस्टमार्टम नहीं किया था।"
इसके बाद, सीएमओ ने कहा कि उनके पास कानूनी कार्रवाई शुरू करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था, क्योंकि ऑटोप्सी रिपोर्ट में देरी से पुलिस जांच में भी बाधा आ रही थी।
--आईएएनएस
"मोर्चरी के कार्यवाहक हिरदेश कुमार की भूमिका भी सवालों के घेरे में है। अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।"
अधिकारी के अनुसार, संभल के एक किसान 60 वर्षीय रामवीर सिंह की एक सप्ताह पहले मौत हो गई थी और उसका परिवार उसकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट लेने के लिए बहापुर पट्टी गांव के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के चक्कर लगा रहा था।
स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा कि डॉक्टर, (जो 11 नवंबर को ड्यूटी पर थे) ने कथित तौर पर अपने सहयोगी को पोस्टमार्टम करने के लिए कहा था, क्योंकि वह 'व्यस्त' थे।
सहकर्मी ने पोस्टमार्टम तो किया, लेकिन पुलिस या परिवार को रिपोर्ट नहीं सौंपी।
यह पूछे जाने पर कि देरी का कारण क्या है, इस पर संभल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ), डॉ अजय कुमार सक्सेना ने कहा कि डॉक्टर से संपर्क किया गया था, लेकिन उन्होंने कहा कि उन्होंने पोस्टमार्टम नहीं किया है।
मामले में गड़बड़ी की आशंका जताते हुए सीएमओ ने संभल पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है।
उन्होंने कहा, "डॉ खिलेंद्र सक्सेना ने पोस्टमॉर्टम किया था। स्वीपर के दावों के अनुसार, दो अन्य डॉक्टरों ने भी, उसी रात, मोर्चरी का दौरा किया था। स्वीपर के दावे की पुष्टि करने के लिए, डॉ खिलेंद्र सक्सेना से संपर्क किया गया था, लेकिन उन्होंने कहा कि उन्होंने पोस्टमार्टम नहीं किया था।"
इसके बाद, सीएमओ ने कहा कि उनके पास कानूनी कार्रवाई शुरू करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था, क्योंकि ऑटोप्सी रिपोर्ट में देरी से पुलिस जांच में भी बाधा आ रही थी।
--आईएएनएस
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