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भारतीय टेक सेक्टर में जुलाई-सितंबर में हुए 76.1 करोड़ डॉलर के 83 सौदे
ग्रांट थॉर्नटन भारत के डीलट्रैकर के अनुसार, दूसरी तिमाही की तुलना में सौदों की संख्या पांच प्रतिशत और मूल्य 31 प्रतिशत बढ़ा। इस दौरान 79 विलय-अधिग्रहण और निजी इक्विटी (पीई) के सौदे हुए जिनकी कुल कीमत 63.5 करोड़ डॉलर रही है।
डील एक्टिविटी बड़े पैमाने पर अधिग्रहण की बजाय अधिक रणनीतिक निवेश की ओर बदलाव को दर्शाती है। हालांकि, इस तिमाही में दो करोड़ डॉलर से अधिक मूल्य के 12 सौदे हुए।
सौदों में पीई का बोलबाला रहा। कुल सौदों में मूल्य के आधार पर 82 प्रतिशत योगदान पीई सौदों का रहा, जिसमें 10 करोड़ डॉलर से अधिक के तीन बड़े सौदे शामिल हैं, जिनका योगदान 35.8 करोड़ डॉलर था।
भारत में पिछले वर्ष की तीसरी तिमाही की तुलना में संख्या के लिहाज से इस वर्ष 58 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई, लेकिन मूल्य के हिसाब से 53 प्रतिशत गिरावट आई।
जुलाई-सितंबर तिमाही में कुल 5.9 करोड़ डॉलर मूल्य के दो आईपीओ हुए, जो पिछली तिमाही से बेहतर रहे। 6.7 करोड़ डॉलर मूल्य के दो सौदों के साथ क्यूआईपी गतिविधि स्थिर रही।
साल 2024 की पहली तिमाही में गिरावट के बाद विलय और अधिग्रहण गतिविधियों में उछाल आया, जो 2023 की दूसरी तिमाही के बाद से सबसे अधिक सौदों की संख्या को दर्शाता है। साल 2024 की तीसरी तिमाही में सौदों की संख्या 44 प्रतिशत बढ़कर 26 हो गई, जो पिछली तिमाही में 18 थी।
सौदों का मूल्य 205 प्रतिशत बढ़कर 11.6 करोड़ डॉलर हो गया, जो दूसरी तिमाही में 3.8 करोड़ डॉलर था।
रिपोर्ट में कहा गया है कि 2023 की तीसरी तिमाही की तुलना में, मात्रा में 53 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि बड़े सौदों की अनुपस्थिति के कारण मूल्यों में 89 प्रतिशत की कमी आई।
रिपोर्ट में कहा गया है, "घरेलू विलय एवं अधिग्रहण गतिविधि 2022 की पहली तिमाही के बाद से अपने उच्चतम तिमाही स्तर पर पहुंच गई है, जो इस क्षेत्र में मजबूत गतिविधि को दर्शाता है। आउटबाउंड गतिविधि तीन वर्षों के उच्चतम तिमाही वॉल्यूम पर पहुंच गई है, जिसमें आउटबाउंड सौदे कुल सौदों का 62 प्रतिशत हैं।"
--आईएएनएस
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