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पंचक काल में होगी नवरात्र की पूजा, घरों मेंं सुबह 11.05 से 12.35 बजे के मध्य घट स्थापना

इस बार चैत्र नवरात्रि की शुरुआत शुभ संयोग में हो रही है। ग्रहों का ये विशेष योग 19 मार्च से बनेगा। इस दिन 5 ग्रह एक साथ मीन राशि में संयोग बनाकर गोचर कर रहे होंगे। चैत्र नवरात्रि के दिन कई शुभ योग भी रहेंगे जैसे, गजकेसरी योग, बुधादित्य योग, हंस योग, शश योग, धर्मात्मा और राज लक्षण योग इस दिन रहेंगे। ऐसे शुभ संयोगों के कारण चैत्र नवरात्रि भक्तों के लिए विशेष फलदायी रहने वाली है।
इस साल मां दुर्गा का आगमन नौका पर होगा। शास्त्रों में मां के इस रूप को भक्तों की समस्त इच्छाएं पूर्ण करने वाला माना जाता है। खास बात ये है कि चैत्र नवरात्र के पहले दिन कई शुभ योग बन रहे हैं। इस समय में घटस्थापना आपके लिए बहुत ही लाभदायक और उन्नतिकारक सिद्ध हो सकता है।
चैत्र नवरात्रि प्रतिपदा तिथि से ही नया हिंदू वर्ष प्रारंभ हो जाता है। चैत्र नवरात्रि में अबकी बार पूरे नौ दिनों की नवरात्रि होगी। नवरात्र की खास बात यह है कि नवरात्र से एक दिन पहले पंचक लगेगा। पंचमी तिथि तक पंचम काल में देवी आराधना की जाएगी। पंचक काल को पूजा-अर्चना के लिए शुभ माना जाता है। मंदिरों में सुबह 6.23 से 7.32 बजे तक और घर-घर में अभिजीत मुहूर्त में सुबह 11.05 से 12.35 बजे के मध्य घट स्थापना की जाएगी।
पंचक 19 मार्च से शुरू हो रहे हैं और 23 मार्च को खत्म होंगे, लेकिन इस बार पंचक के साथ ही इस दिन 4 ग्रह एक साथ मीन राशि में संयोग बनाकर गोचर कर रहे होंगे। ऐसे शुभ संयोगों के कारण पंचक को लेकर चिंता करने की जरूरत नहीं है। वैसे भी माता सभी अशुभ प्रभाव को दूर करने में सक्षम हैं और काल के लिए माँ महाकाली भी हैं।
आलेख में दी गई जानकारियों को लेकर हम यह दावा नहीं करते कि यह पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
इस साल मां दुर्गा का आगमन नौका पर होगा। शास्त्रों में मां के इस रूप को भक्तों की समस्त इच्छाएं पूर्ण करने वाला माना जाता है। खास बात ये है कि चैत्र नवरात्र के पहले दिन कई शुभ योग बन रहे हैं। इस समय में घटस्थापना आपके लिए बहुत ही लाभदायक और उन्नतिकारक सिद्ध हो सकता है।
चैत्र नवरात्रि प्रतिपदा तिथि से ही नया हिंदू वर्ष प्रारंभ हो जाता है। चैत्र नवरात्रि में अबकी बार पूरे नौ दिनों की नवरात्रि होगी। नवरात्र की खास बात यह है कि नवरात्र से एक दिन पहले पंचक लगेगा। पंचमी तिथि तक पंचम काल में देवी आराधना की जाएगी। पंचक काल को पूजा-अर्चना के लिए शुभ माना जाता है। मंदिरों में सुबह 6.23 से 7.32 बजे तक और घर-घर में अभिजीत मुहूर्त में सुबह 11.05 से 12.35 बजे के मध्य घट स्थापना की जाएगी।
पंचक 19 मार्च से शुरू हो रहे हैं और 23 मार्च को खत्म होंगे, लेकिन इस बार पंचक के साथ ही इस दिन 4 ग्रह एक साथ मीन राशि में संयोग बनाकर गोचर कर रहे होंगे। ऐसे शुभ संयोगों के कारण पंचक को लेकर चिंता करने की जरूरत नहीं है। वैसे भी माता सभी अशुभ प्रभाव को दूर करने में सक्षम हैं और काल के लिए माँ महाकाली भी हैं।
आलेख में दी गई जानकारियों को लेकर हम यह दावा नहीं करते कि यह पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
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